Soybean Price: सोयाबीन के किसानों ने उठाया बड़ा कदम, सोयाबीन का भाव 6000 रुपये प्रति क्विंटल न करने पर सरकार को दी बड़ी चेतावनी
Farmers in Harda held a massive tractor rally demanding an increase in soybean prices to ₹6000 per quintal. With over 2500 tractors, the protest led to significant traffic disruptions and disputes. Read more about the event and farmers' demands.
Soybean Price: सोयाबीन के किसानों ने उठाया बड़ा कदम, सोयाबीन का भाव 6000 रुपये प्रति क्विंटल न करने पर सरकार को दी बड़ी चेतावनी
खेत तक, 14 सितम्बर, मध्य प्रदेश– हाल ही में हरदा जिले में किसानों ने सोयाबीन की कीमतें बढ़ाने की मांग को लेकर एक विशाल ट्रैक्टर रैली निकाली। इस रैली में 2500 से अधिक ट्रैक्टर शामिल हुए, जिससे शहर में व्यापक जाम और विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई। किसान अपनी मांगों के प्रति गहरा आक्रोश प्रकट करते हुए सड़क पर उतरे और सोयाबीन के भाव को 6000 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की।
रैली सुबह से ही खंडवा रोड स्थित आईटीआई से शुरू हुई और खेड़ीपुरा संत रविदास तिराहा, नार्मदीय धर्मशाला, चांडक चौक और डबल फाटक होते हुए मंडी पहुंची। ट्रैक्टरों की लंबी कतार इतनी विशाल थी कि खेड़ीपुरा में सभी ट्रैक्टरों को गुजरने में लगभग तीन घंटे का समय लगा। रैली में शामिल ट्रैक्टरों की संख्या ढाई हजार से अधिक थी, और जिले के लगभग सभी गांवों से किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ शामिल हुए।
वाहन जाम और विवाद: रैली के दौरान, खेड़ीपुरा में कुछ चार पहिया वाहन चालक ट्रैक्टरों के बीच से गुजरने की कोशिश करने लगे, जिससे विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई। किसानों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए इन वाहनों को रोक दिया और हाथ में बैनर लेकर डंडे से भी वार किया। पुलिस ने बीच बचाव करते हुए स्थिति को नियंत्रण में लाने का प्रयास किया।
किसानों ने रैली के माध्यम से अपने गुस्से को व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान में सोयाबीन का भाव बहुत कम है, जिससे उनकी लागत निकालना मुश्किल हो गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सोयाबीन का भाव 6000 रुपये प्रति क्विंटल नहीं किया गया तो किसान कर्ज के बोझ तले और अधिक दब जाएंगे।
रैली के दौरान शहर में कई स्थानों पर किसानों पर फूलों की वर्षा की गई। किसानों ने स्टाल लगाकर रैली का स्वागत किया और खुद भी फूलों की वर्षा की। किसानों ने स्पष्ट किया कि यह उनकी हक की लड़ाई है और इसमें किसी भी राजनीतिक दल का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं किया जाएगा।